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हम खुद ही चले जाएंगे तेरा शहर छोड़ के



स्वर:- गुंजन सिंह



(ऐसे ना जा खापा होके)2। मुह मूझसे मोरके

(हम खुद ही चले जयेंगे तेरा शहर छोड़ के।)2


ऐसे ना जा खापा होके। मुह मूझसे मोरके

(हम खुद ही चले जयेंगे तेरा शहर छोड़ के।)2


कुछ गम नाहीं है इसका टूटे मेरा अरमान 

ठुकराने बाले मुझपे तू करना एक एहसान


(सर झुकाए अंजुमन में आख हैं बइठे हुए)2

क्या खता हुई है हमसे जो आप है रूठे हूए

(देख लो वक़्त रुखसत प्यार की बेयबिया)2

कोन जाने कब मिले इसबार के बिछड़े हूए


कुछ गम नाहीं है इसका टूटे मेरा अरमान 

ठुकराने बाले मुझपे तू करना एक एहसान


एहसास तुझे भी होगा।एहसास तुझे भी होगा।

दिल मेरा तोड़ के


(हम खुद ही चले जयेंगे तेरा शहर छोड़ के।)2


रह रह के पल वो प्यार के तुझको रुलाएंगे।

तेरी बेबसी तन्हाई में तुझको तड़पआएंगे।


(भरोसा मत करो सांसों की डोरी छूट जाती है)2

यह छटे महफूज रहती है हवेली टूट जाती है

(लड़कपन में की गई वादे की कुछ कीमत नहीं होती)2 

अंगूठी हाथों में रहती है मगर वो टूट जाती है।


रह रह के पल वो प्यार के तुझको रुलाएंगे

तेरी बेबसी तन्हाई में तुझको तड़पायेंगे।


(क्या मिला तुझे गुंजन के...।)2

सपने मरोड़ के।


(हम खुद ही चले जयेंगे तेरा शहर छोड़ के।)5

ओ हो हा हा हा हा आहा हा हा हा हा.......।


(हम खुद ही चले जयेंगे तेरा शहर छोड़ के।)5

ओ हो हा हा हा हा आहा हा हा हा हा.......।




 

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